क्यों चाहा उसने उस शिकारी को....
जिसने बिखेरा उसके संसार को....
तबाह कर दी उसने उसकी बस्ती....
फिर भी वो चाहती उसकी हस्ती...
उसने भी सोचा कभी तो वो बदलेगा....
शायद मेरा प्यार वो समझ लेगा.....
वो न जानती थी ....
की वो न बदलेगा ....
पर उसे भी मिटा देगा ...
क्यों चाहा मेने उस शिकारी को..