Thursday, December 30, 2010

jindagi

जिंदगी शब्द ही काफी है अपनी जिंदगी में समझने के लिए .. जिंदगी न जाने हमे क्या क्या सिखाती है..कभी सुख तो कभी दुःख के दर्शन कराती है..इस जिंदगी को गुजरने के लिए लोग न जाने लोग क्या क्या करते है.. कोई किसी का खून करता है, तो  कोई किसी को निचा दिखता है,कोई लूटपाट करता है,तो कोई धर्म के नाम पे पैसा लूटता है..यह सब क्यों सिर्फ अपनी जिंदगी को बेहतर करने के लिए मात्र..रिश्तो का अनादर ,,बड़ो का  अपमान ,, लडाईया,,न जाने क्या क्या रंग लाती है यह जिंदगी..
         जिंदगी के कई पहलु है.. जिसे समझने में सारी जिंदगी लग  जाती है.. पर फिर भी कोई इसे समझ  पाता है और कोई नही  समझ पता.. पर हर कोई इसे समझने के लिए कई कोशिश करता है.. कुछ कामयाब होते है तो कुछ निराश..जिंदगी ख़ुशी,,गम,,धोके,,विश्वास ,प्यार,,नफरत,और  न जाने किस किस से भरी हुई है..
   
लोग आजकल अपनी जिंदगी के खूबसूरत पल एकदूसरे से जलने में निकल देते है.. क्या जिंदगी सिर्फ ओरो से आगे निकलने का नाम है.. क्या जिंदगी में अब तरकी इसीलिए चाहिए ताकि आपको नाम मिले या शान और शौकत, मिले..क्यों वो भूल जाते है सब अपने ही तो है ..अपनी अपनी जिंदगी जिए और कुश रहे.
              खुबसूरत  जिंदगी को व्यर्थ न करे इसे जिए और  कुश रहे.. अपना नजरिया बदले और समाज को खुशाल बनाये..और एक नई उमंग कायम करे,, तथा जिंदगी में चल रहे संकटों का सामना करे और उस संकट से लढ़े.. और जिंदगी जीने की मिसाल कायम करे......यह एक खुबसूरत एहसास है...
                                      जिंदगी एक खेल है,,
                                          बस इसमें कुछ दुखो का मेल है..
                                       न करो किसी को दुखी ,,
                                            रहो हमेशा सुखी..
                                                    
     



christmas ki kahani


 क्रिसमस का त्यौहार जो सर्दियों में आता है .इस त्यौहार को यीशु मसीह के जन्मदिन के तोर पे मनाया जाता है.  क्रिसमस शब्द का शाब्दिक अर्थ  पवित्र सभा है .यह त्यौहार ईसाई धर्म  के लोग मनाते है.. यह रोम में लगभग  355  ई. में पहली बार मनाया गया था..  फिर इसी साल रोम के  सबसे मुख्य पादरी बिशोप ने इसके स्थायी रूप से 25 दिसम्बर की तारीख तय की .. क्रिसमस को शांति का दिवस भी मानते है. यह त्यौहार लगभग पूरी दुनिया में मनाया जाता है.. अपने आधुनिक रूप में  क्रिसमस सन 1820 में जेर्मन कुलीन और मध्य वर्गीय लोगो के घरो में  मनाया गया..क्रिसमस के दिन छुट्टी मिलने की परंपरा को भी जेर्मनी ने ही शुरू किया.क्रिसमस का ट्री भी सबसे पहले जेर्मनी में 1840 में आया.. क्रिसमस कार्ड भी सबसे पहले जेर्मनी में १८८० में बाटें गये ..संत निकोलस जो बहुत ही दयालु थे उन्होंने गरीब बच्चो की काफी मदद की.. एक बार उन्होंने गरीब बचो के सुख रहे मोजो में कुछ सोने के सिक्के दाल कर मदद की जिससे उन्हें अपनी जिन्गदी बिताने में काफी सहायता मिली .. तब से लेकर आज तक सभी बच्चे क्रिसमस पर अपनी जुराबे बाहर रखते है ताकि संता उन्हें भी गिफ्ट दे..
              यह त्यौहार ईसाई बहुत धूम धाम से मानते है.. इस दिन यह क्रिसमस ट्री को सजाते है.. क्योकि यह  ट्री सदाबहार है.. इसलिए इसी को सजाया जाता है.. तथा इस त्यौहार पर यह क्रिसमस कैरोल भी गाते है.. करोल को यह समूह में गाते है.. इस त्यौहार में ईसाई लोग एकदूसरे को गिफ्ट भी देते है.. तथा केक भी बनाते है..
              इस त्यौहार का प्रचालन काफी बढ़ गया है.. अब इसे सिर्फ ईसाई ही नही बल्कि सब धर्म के लोग मिलजुल कर मनाते है.. घरो को सजाते है..हमारे देश  में लगभग २.५ % लोग ही ईसाई है पर इसे मनाने वालो की सख्या काफी अधिक है.. इसे सिर्फ  भारत ही नही बल्कि पूरी दुनिया मनाती  है.. घरो के साथ साथ  दुकाने भी सजाई जाती है..कई लोग संता बन कर बच्चो को गिफ्ट, चोकलेट बाटते है.. यह त्यौहार पूरा विश्व मिल कर मनाता है...................
                                                         क्रिसमस का है त्यौहार,,
                                                           जिसे मनाये सारा संसार  ..
                                                         संता लाये गिफ्ट नया,,
                                                                साल आये फिर नया.
                                                          

Monday, December 27, 2010

Thand mei rakhe sehat ka dyan....

ठण्ड के चलते होती है कई परेशानिया..ठण्ड के मौसम में कई बीमारियों के खतरे होते है..सबसे ज्यादा खतरा  हृदयाघात का होता है, गुटनो का दर्द, सर्दी जुकाम , निमोनिया, साँस की परेशानी, तथा पुरानी चोट का दर्द बढ़ जाना जैसी अन्य कई बीमारियों से परेशानिया बढ़ती है.. ठण्ड के चलते पानी के कम सेवन से भी कई बीमारिया बढ़ती है .. 
          इन बीमारियों से बचने के लिए सर्दियों में प्रतिदिन व्यायाम जरुरी है.. क्योंकि सर्दी में शरीर का लचीलापन कम हो जाता है.. जिसे बनाये रखने के लिए नियमित व्यायाम  तथा डॉक्टर की सलाह आवश्यक है  जिससे शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत बनी रहे.. व्यायाम सुबह सुबह खाली पेट करना चाहिए.. यह जायदा असरदार होता है.. जिससे शरीर मजबूत और रोग मुक्त होता है.व्यायाम के साथ साथ हमे कई अन्य चीजों का ध्यान  रहना चाहिए जैसे खान पान का..
             हर मौसम की अपनी अलग अलग सब्जिया होती है.. सर्दियों में हरी सब्जी बहुत होती है जेसे पालक, मेथी, बथुया,, सरसों आदि..हरी सब्जियों  से  पोष्टिक आहार मिलता है..तथा गाजर चुकंदर आंवले के रस मैं शहद मिलाकर पीने  से सेहत अचछी  होती  है..तथा शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत हो जाती है..खाना समय पर खाने से सेहत अच्छी  हो  जाती  है..
               सर्दियों का बचाव अपने ही हाथो में होता है.. रोज व्यायाम करने से,, पोष्टिक आहार खाने से तथा गरम कपडे  पहनने से सर्दोयो में बीमारियों से बचाव किया जा सकता है.


                              ठण्ड में रखे  ख्याल,, 
                                वर्ना हो जायेगे हाल बेहाल..
                              करे व्यायाम हमेशा,,
                                   और रहे फिट हमेशा..
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Sunday, December 26, 2010

global warming

                        ग्लोबल वार्मिंग एक बड़ी समस्या
ग्लोबल वार्मिंग एक बहुत बड़ी समस्या है जो दिन प्रतिदिन बढ़ती  जा रही है..जिसका प्रभाव हम सब पर पढ़ रहा है..
कभी अत्यधिक ठण्ड तो कभी अत्यधिक गर्मी तो........ 
कभी बारिश ही बारिश ... इसको  कहीं न कहीं हम ही बढावा दे रहे है..
ग्लोबल वार्मिंग की सबसे बड़ी वजह हमारी लापरवाही है.. हम धरती को नष्ट करने के लिए कभी कोई कमी भी नही छोड़ते कभी जेह्रिली गेसे  छोड़ते  है,कभी पेढ़  काटते है,कभी बिजली उत्पादों  को  व्यर्थ मे इस्तेमाल करते है,कभी प्रदूषण फेलाते है ,कभी प्लास्टिक का इस्तेमाल करते है.हीटर  या लकडिया जलाने  से भी ग्लोबल वार्मिंग को बढावा मिलता है..
यह सब कारण है ग्लोबल वार्मिंग के जिन्हें हम हर पल बढ़ाते है.


पर हमे इन सबको रोकना पड़ेगा नही तो  कुछ ही सालो में धरती बहुत जयादा गरम या ठंडी हो जाएगी जिसका असर इंसानों , जानवरों ,पेड़ पोधो पर पड़ेगा   ..अत्यधिक गर्मी से सारे ग्लासिएर भी पिघल जायेगे. कई तरह की बीमारी फेलने का भी डर रहेगा..  समुन्दर का पानी बढ़ जायेगा जिसके कारण सुनामी भी आ सकती है..और न जाने क्या क्या हो जाय...
इसीलिए हम सब को इसे बढ़ने से रोकना होगा. 


इसे रोकने के लिए हमे खूब सारे पेड़ पोधे लगाने चाहिए ....... हीटर व आग कम जलानी चाहिए ......पेट्रोल, डीजल व बिजली के उत्पादों का कम इस्तेमाल करना चाहिए...जेह्रिली गेसो  का इस्तेमाल कम करना चाहिए ...
पानी  को बर्बाद नही करना चाहिए..तथा फ्रीज़ में सी ऍफ़ सी गैस का प्रयोग कम करना चाहिए  तथा  इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर के इसे कम करने के तरीके खोजने  चाहिए ...... जिससे हम अपनी धरती को बचा पाए......और एक समस्या का तो समाधान कर ही ले........
               रोको रोको ग्लोबल वार्मिंग,,
                   नही तो होगी सबको हार्मिंग ..
               की है गलती उसे सुधारे,,
                       मिलकर करे इसे किनारे..
 रोको रोको ग्लोबल वार्मिंग......
 नही तो होगी सबको हर्मिंग..........

Thursday, December 9, 2010

kasab ki khatirdari...........

Happy Birthday KASAAB........
we have become 2 years here with u.
u can continue 2 be our guest.
India loves u  darling.
ATITHI DEVO BHAVA.
your stay expenses are on us.
your lawyers are free.....
you have more security than Indians..........
promise we will always take care of  yourself as long as you live..........


इस मेसेज को पढ़ कर न जाने हमारी सरकार को शर्म आयेगी  भी या नही ........
हमारा कानून इतना सुस्त क्यों है..इसका क्या कारण है ..........
कभी मुजरिम नही मिलता तो  कभी इन्साफ नही मिलता.......
अगर मुजरिम मिल भी जाये तो न जाने उसे मेहमान क्यों बना दिया जाता है.........
इस वक़्त देश के लगभग सभी नागरिको के मन में यह सवाल है की कसाब को सजा क्यों नही दी जा रही,
जबकि उसके ऊपर लगे सरे इल्जाम सच है तो आखिर उसे सजा देने में इतनी देरी क्यों की जा रही है....
क्या सरकार को उसकी और खातिरदारी करने का मन है.......

      यह है हमारे देश का इन्साफ
      जहाँ रहता है कसाब
      जिसने ली लाखो की जान
      फिर भी है इसकी शान

Thursday, December 2, 2010

my first poem......

प्यार में रोई भी,
प्यार में खोयी भी.
संसार से डरती हूँ,
प्यार भी करती हूँ.
                    ज़िन्दगी में चाह जिसे ,
                    उसे भी पा न पाई में.
                    प्यार की इस रह में,
                    उसे दुंद न पाई में.
बहूत प्यारा है वो,
सबसे न्यारा है वो.
गुस्सा उसका डरता,
प्यार उससे करता.
                        पल पल करती हूँ इंतज़ार
                        यादो में आता है इज़हार
                        जाने कहाँ गया वो यार
                        जिसे खोजती  में हर बार
प्यार की इस रह में
अकेली रह गयी में...............